कहीं दूर

हजारों मील दूर घर से
किसी पार्क मे किसी बेंच पर
बैठा देख रहा था चाँद कि ओर
मेरे इर्द-गिर्द सब बदला है
पर मैं
वहीं हूँ।

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9 विचार “कहीं दूर&rdquo पर;

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